अमेरिकी संसद में ‘मलाला यूसुफ़ज़ई छात्रवृत्ति विधेयक’ पारित किया गया
अमेरिकी संसद ने मलाला युसुफजई स्कॉलरशिप एक्ट पारित कर दिया गया है। इस विधेयक के अंतर्गत पाकिस्तानी महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दी जाने वाले छात्रवृत्ति की संख्या को बढ़ाया जाएगा ।
मार्च 2020 में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स द्वारा यह अधिनियम पारित किया गया था और अब 1 जनवरी को अमेरिकी सीनेट ने भी इसे ध्वनि मत से पारित कर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा दिया है। हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
इस विधेयक के अंतर्गत ‘यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवल्पमेंट’ (USAID) पाकिस्तानी महिलाओं को वर्ष 2020 से 2022 तक उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत कम से कम 50 प्रतशित छात्रवृत्ति प्रदान करेगा। इसके साथ ही USAID संसद को यह जानकारी भी देगा के वार्षिक आधार पर कितनी छात्रवृत्तियां वितरित की गईं है।
मलाला यूसुफ़ज़ई: मलाला यूसुफ़ज़ई का जन्म 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान के स्वात में हुआ था। मलाला को भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ 10 अक्टूबर, 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मलाला को अक्टूबर 2012 में पाकिस्तानी तालिबान के आतंकवादियों ने उस समय गोली मार दी थी, जब वह स्कूल से घर जा रही थी, परन्तु वे गंभीर चोट के उपरांत भी सुरक्षित रहीं। वे पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की समर्थक हैं तथा इसे बढ़ावा देने के लिए कार्य करती हैं। उन्होंने “आई एम मलाला” नामक पुस्तक भी लिखी है।
The US Parliament has passed the Malala Yusufzai Scholarship Act. Under this bill, the number of scholarships given to Pakistani women for higher education will be increased.
The act was passed by the House of Representatives in March 2020 and now on January 1, the US Senate has also passed it by voice and sent it to the White House for President Donald Trump's signature. It will become law after signature.
Under this bill, the US Agency for International Development (USAID) will provide at least 50 percent scholarship to Pakistani women under the Higher Education Scholarship Program from the year 2020 to 2022. In addition, USAID will also inform Parliament how many scholarships have been disbursed on an annual basis.
Malala Yousafzai: Malala Yousafzai was born on 12 July 1997 in Swat, Pakistan. Malala was awarded the Nobel Peace Prize on 10 October 2014 along with Indian child rights activist Kailash Satyarthi. Malala was shot dead by Pakistani Taliban militants in October 2012 when she was on her way home from school, but she remained safe even after a serious injury. She is a supporter of girls' education in Pakistan and works to promote it. He has also written a book titled "I Am Malala".
बजाज ऑटो बनी दुनिया की मोस्ट वैल्युएबल ट्व-व्हीलर कंपनी
भारतीय बहुराष्ट्रीय दोपहिया और तिपहिया वाहन निर्माता कंपनी, बजाज ऑटो 01 जनवरी, 2021 को बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रु क्रॉस करने के बाद दुनिया की मोस्ट वैल्युएबल ट्व-व्हीलर कंपनी बन गई है।
नेशल स्टॉक एक्सचेंज पर बजाज का 2021 के पहले दिन शेयर मूल्य रु. 3,479 प्रति शेयर रहा, जिसके कारण इसका बाजार पूंजीकरण 1,00,670.76 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इस प्रकार, बजाज ऑटो न केवल टू-व्हीलर सेगमेंट की सबसे मूल्यवान कंपनी है, बल्कि दुनिया की पहली ऐसी टू-व्हीलर कंपनी है जो इस मार्केट कैप के मामले में इस मुकाम को हासिल करने में कामयाब रही है।
बजाज ऑटो का मुख्यालय: पुणे, महाराष्ट्र.
बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक: राजीव बजाज.
Bajaj Auto, an Indian multinational two-wheeler and three-wheeler manufacturer, has become the world's most valuable two-wheeler company after crossing the market capitalization of Rs 1 lakh crore on January 01, 2021.
On the first day of 2021, the share price of Bajaj on the National Stock Exchange was Rs. 3,479 per share, resulting in a market capitalization of over Rs 1,00,670.76 crore. Thus, Bajaj Auto is not only the most valuable company in the two-wheeler segment, but also the first two-wheeler company in the world to achieve this position in terms of its market cap.
Headquarters of Bajaj Auto: Pune, Maharashtra.
Managing Director of Bajaj Auto: Rajiv Bajaj.
मुकेश अंबानी ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स 2021 में 12 वें स्थान पर रह
भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स 2021 (2 जनवरी 2021 को) के अनुसार 12 वें स्थान पर आ गए।
अंबानी की कुल संपत्ति 90 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 6.62 लाख करोड़ रुपये) (2020 की शुरुआत में) से 76.7 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 5.6 लाख करोड़ रुपये) घट गई।
मुकेश अंबानी की निवल संपत्ति में गिरावट आरआईएल के शेयरों में सुधार के कारण हुई, जो 30 दिसंबर 2020 को घटकर Rs.1995.50 हो गई, जो कि 2369.35 रुपये के अपने सर्वकालिक उच्च से 16% है।
झोंग शानशान, जिसे “लोन वुल्फ” के रूप में जाना जाता है, ने अंबानी की जगह ले ली है, जो एशिया का सबसे अमीर व्यक्ति है, वह इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए इतिहास में सबसे तेज में से एक है। झोंग शानशान चीनी अरबपति हैं, जिनकी कुल संपत्ति 78.2 बिलियन अमरीकी डॉलर है, जो एक पानी की बोतल कंपनी बीजिंग वीनै बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइजेज कंपनी और नोंगू स्प्रिंग कंपनी की लिस्टिंग के प्रमुख है।
ब्लूमबर्ग अरबपति सूचकांक में शीर्ष 3:
RANK | PERSONALITY | NET WORTH |
---|---|---|
1 | Jeff Bezos | 190 BILLION USD |
2 | Elon R Musk | 170 BILLION USD |
3 | Bill Gates | 132 BILLION USD |
India's richest man Mukesh Ambani, chairman and managing director of Reliance Industries Ltd (RIL), came in 12th place as per Bloomberg Billionaires Index 2021 (as on 2 January 2021).
Ambani's total assets declined to US $ 76.7 billion (about Rs 5.6 lakh crore) from US $ 90 billion (about Rs 6.62 lakh crore) (in early 2020).
The decline in Mukesh Ambani's net worth was due to an improvement in RIL shares, which declined to Rs.1995.50 on 30 December 2020, up 16% from its all-time high of Rs 2369.35.
Zhong Shanshan, better known as "Lone Wolf", has replaced Ambani, who is the richest man in Asia, one of the fastest in history to achieve this feat. Zhong Shanshan is a Chinese billionaire with a net worth of US $ 78.2 billion, leading the listing of Beijing Weinai Biological Pharmacy Enterprises Company and Nongu Spring Company, a water bottle company.
डॉ. संजय कपूर को अखिल भारतीय चेस फेडरेशन का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया
संजय कपूर को अखिल भारतीय शतरंज संघ (All India Chess Federation) का नया अध्यक्ष चुना गया, जबकि भरत सिंह चौहान अपना सचिव पद बरकरार रखने में कायमाब रहे है। उत्तर प्रदेश शतरंज संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले कपूर ने करीबी वोटिंग में पीआर वेंकेटराम राजा को हराया किया। कपूर को राजा के 31 वोट के मुकाबले 33 वोट मिले। वहीँ चौहान ने रवींद्र डोंगरे को 35-29 से हराया। अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पद के अलावा, छह उपाध्यक्ष और छह संयुक्त सचिव भी चुने गए।
अखिल भारतीय शतरंज संघ मुख्यालय: जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम; चेन्नई.
अखिल भारतीय शतरंज संघ की स्थापना: 1951.
Sanjay Kapoor was elected the new president of the All India Chess Federation, while Bharat Singh Chauhan is working to retain his secretary position. Kapoor, representing the Uttar Pradesh Chess Association, defeated PR Venkataram Raja in close voting. Kapoor got 33 votes against Raja's 31 votes. Chauhan defeated Ravindra Dongre 35-29. Apart from the post of Chairman, Secretary and Treasurer, six Vice Presidents and six Joint Secretaries were also elected.
All India Chess Federation Headquarters: Jawaharlal Nehru Stadium; Chennai.
Establishment of All India Chess Federation: 1951.
जापान बना रहा है लकड़ी की सैटेलाइट
जापान की एक कंपनी और क्योटो विश्वविद्यालय साथ मिलकर दुनिया की पहली लकड़ी की सैटेलाइट बनाने पर काम कर रहे हैं. अंतरिक्ष में अब ऐसे सेटेलाइट भेजने की तैयारी हो रही है जो लकड़ी से बना होगा. वापस आते समय धरती दाखिल होते ही यह पूरी तरह जल जायेगा जिससे कोई मलबा तैयार नहीं होगा और अंतरिक्ष सुरक्षित रहेगा. उन्हें उम्मीद है कि साल 2023 तक वो इसे बनाने में कामयाब होंगे. सुमितोमो फॉरेस्ट्री कंपनी के अनुसार उन्होंने इसके लिए पेड़ की ग्रोथ और अंतरिक्ष में लकड़ी की सामग्री के उपयोग पर शोध शुरू कर दिया है.
इस मटीरियल का प्रयोग पहले पृथ्वी के अलग-अलग वातावरण में किया जाएगा. उपग्रहों की बढ़ती संख्या के कारण अंतरिक्ष में कचरा बढ़ता जा रहा है, इसे स्पेस जंक कहते हैं. लकड़ी के सैटेलाइट पृथ्वी के वातावरण में लौटने पर जल जाएंगें, इनसे किसी तरह के हानिकारक पदार्थ नहीं निकलेंगे और किसी तरह का मलबा भी धरती पर नहीं गिरेगा.
विश्व आर्थिक मंच के मुताबिक, लगभग 6,000 उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगा रहे है. उनमें से लगभग 60 प्रतिशत बेकार (स्पेस जंक) हैं. स्पेस जंक 22,300 मील प्रति घंटे से ज़्यादा की गति से घूमते हैं, इसलिए किसी वस्तु के टकराने से काफी नुकसान हो सकता है.
A Japanese company and Kyoto University are working together to build the world's first wooden satellite. Preparations are being made to send such satellites to space which will be made of wood. At the time of entering the earth, it will burn completely as soon as no debris is ready and space will be safe. They hope that by the year 2023, they will be able to make it. According to Sumitomo Forestry Company, they have started research on the growth of trees and the use of wood materials in space for this.
This material will first be used in different environments of the Earth. The garbage in space is increasing due to increasing number of satellites, it is called space junk. Wooden satellites will burn when they return to the earth's atmosphere, they will not release any harmful substances and debris of any kind will not fall on the earth.
According to the World Economic Forum, about 6,000 satellites are orbiting the Earth. About 60 percent of them are useless (space junk). Space junk moves at speeds in excess of 22,300 mph, so hitting an object can cause significant damage.
“Bleeding India: Four Aggressors, Thousand Cuts” BOOK
ब्लीडिंग इंडिया: फोर एग्रेसर्स, थाउजेंड कट्स पुस्तक धनबाद के लेखक बिनय कुमार सिंह द्वारा लिखी गई है। इसकी भाषा अंग्रेजी है। यह पुस्तक भारत के विरुद्ध चार ताकतों द्वारा रची जा रही साजिशों की जांच और पर्दाफाश करती है – जिसमें कम्युनिस्ट, इस्लामिक चरमपंथी, ईसाई मिशनरियां और विदेशी गैर सरकारी संगठन-मानवाधिकार शामिल हैं। इसे किताब के लेखक चार घोड़ों द्वारा संचालित साजिश रथ कहते हैं।
Bleeding India: Four Aggressors, Thousand Cuts is written by Binay Kumar Singh, author of Dhanbad. Its language is English. The book investigates and exposes conspiracies being hatched against India by four forces – including communists, Islamic extremists, Christian missionaries and foreign NGOs – human rights. The author of the book calls it a chariot driven by four horses.
अमित शाह ने जारी किया ‘राष्ट्रीय पुलिस K-9 पत्रिका’
गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय पुलिस K-9 पत्रिका’ का उद्घाटन किया। पुलिस सेवा K9s, (पीएसके) अर्थात पुलिस श्वान (Police Dogs) विषय पर देश में यह पहला प्रकाशन है। यह एक अनूठी पहल है जो देश में पुलिस सेवा डॉग, K-9, पीएसके टीमों से संबंधित विषयों को और अधिक समृद्ध करेगी।
देश में पुलिस आधुनिकरण डिविजन के तहत देशभर में पुलिस सेवा के-9 को बढ़ावा देने और उसे मुख्यधारा में लाने के लिए नवंबर 2019 में राष्ट्रीय पुलिस के-9 सेल की स्थापना की गई थी।
पुलिस K9 जर्नल का प्रकाशन इस महत्वपूर्ण संसाधन को बढ़ाने और प्रशिक्षित करने के लिए देश में एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का एक और कदम है।
पत्रिका में हिंदी और अंग्रेजी में अलग-अलग खंड शामिल हैं। यह एक द्वैमासिक पत्रिका है जो हर साल अप्रैल और अक्टूबर में जारी की जाएगी।
Home Minister Amit Shah inaugurated the 'National Police K-9 magazine' in New Delhi. This is the first publication in the country on the subject of Police Service K9s, (PSK) ie Police Dogs. This is a unique initiative which will further enrich the subjects related to Police Service Dog, K-9, PSK teams in the country.
The National Police K-9 Cell was established in November 2019 to promote and mainstream the Police Service K-9 across the country under the Police Modernization Division in the country.
The publication of Police K9 Journal is another step to create an ecosystem in the country to increase and train this important resource.
The magazine consists of separate sections in Hindi and English. It is a bi-monthly magazine which will be released every year in April and October.
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना 2021: उत्तर प्रदेश
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के द्वारा राज्य के मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए की गयी है। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के लोट कर आये मजदूरों को और पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों को अपने हुनर को और ज्यादा निखारने के लिए 6 दिन की फ्री ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई , सुनार लोहार, कुम्हार, हलवाई ,मोची आदि मजदूरों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। योजना के तहत प्रतिवर्ष 15 हजार से ज्यादा लोगों को काम काज मिलेगा।
The Vishwakarma Shram Samman Yojana has been started by Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Aditya Nathji to promote the development and self-employment of the workers of the state. Under this scheme, 6 days free training will be provided to the workers of Uttar Pradesh and to the traditional artisans and artisans to further enhance their skills.
Under this scheme, financial assistance ranging from 10 thousand to 10 lakh rupees to the traditional artisans and artisans of Uttar Pradesh, like carpenters, tailors, basket weavers, barbers, goldsmiths, potters, halwai, cobblers, etc., to set up small industries. Will be provided by the state government. Under the scheme, more than 15 thousand people will get work every year.
भारत बना एशिया प्रोटेक्टेड एरियाज पार्टनरशिप (APAP) का सह-अध्यक्ष
भारत को नवंबर 2023 तक तीन वर्षों की अवधि के लिए IUCN समर्थित एशिया संरक्षित क्षेत्रीय भागीदारी (Asia Protected Areas Partnership) का संयुक्त-अध्यक्ष चुना गया है। भारत दक्षिण कोरिया का स्थान लेगा, जिसने पिछले 3 वर्षों से नवंबर 2020 तक पद संभाला है। सह-अध्यक्ष के रूप में भारत अपने संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन में अन्य एशियाई देशों की सहायता करने के लिए उत्तरदायी होगा। APAP की अध्यक्षता IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) एशिया द्वारा की जाती है, और जिसकी अध्यक्षता APAP राष्ट्र सदस्य द्वारा बारी-बारी (rotational basis) की जाती है।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर मुख्यालय: ग्रंथि, स्विट्जरलैंड.
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर सीईओ: ग्रेटेल एगुइलर.
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर फाउंडर: जूलियन हक्सले.
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर स्थापित: 5 अक्टूबर 1948
India has been elected joint-president of the IUCN-backed Asia Protected Regional Partnership for a period of three years until November 2023. India will replace South Korea, which has held the position for the last 3 years until November 2020. As co-chairman, India will be responsible for assisting other Asian countries in managing their protected areas. The APAP is chaired by the IUCN (International Union for Conservation of Nature) Asia, and chaired by an APAP nation member on a rotational basis.
International Union for Conservation of Nature Headquarters: Gland, Switzerland.
International Union for Conservation of Nature CEO: Gretel Aguilar.
International Union for Conservation of Nature Founder: Julian Huxley.
International Union for Conservation of Nature established: 5 October 1948
कोविशील्ड और कोवाक्सिन को भारत में आपात उपयोग के लिए स्वीकृति
हाल ही में DCGI ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की Covishield वैक्सीन और भारत बायोटेक की Covaxin को भारत में आपात उपयोग के लिए स्वीकृति दे दीं है। DGCA द्वारा बताया गया कि यह दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
DGCA द्वारा यह अनुमति केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (SEO) की अनुशंसा के आधार पर दीं है। टीकाकरण अभियान के दौरान इन वैक्सीन की 2-2 डोज दी जाएंगी। इसके साथ ही जायडस कैडिला की वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए भी मंजूरी दे दीं गयी है।
Covaxin: कोवैक्सीन (Covaxin) को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
COVISHIELD: पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन COVISHIELD के उत्पादन के लिए एस्ट्रेजेनेका के साथ करार किया है। SII दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है।
DCGI: ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया भारत सरकार का एक विभाग है जो देश में दवा से संबंधित सभी नियामक कार्यों के लिए जिम्मेदार है। डीसीजीआई भारत में दवाओं के विनिर्माण, बिक्री, आयात और वितरण के लिए मानक स्थापित करने के लिए भी जिम्मेदार है। वी.जी. सोमानी इसके वर्तमान प्रमुख हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SIIPL)
यह विश्व में टीके सहित प्रतिरक्षात्मक दवाओं का एक प्रमुख निर्माता है।
इसकी स्थापना 1966 में साइरस पूनावाला ने की थी।
टीके की खुराक की संख्या के लिहाज से SIIPL को दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माता कंपनी माना जाता है।
सीरम इंस्टीट्यूट के टीके का उपयोग 170 देशों में किया जाता है और दुनिया में हर तीसरे बच्चे को इस विनिर्माता के टीके से प्रतिरक्षित किया जाता है।
Recently DCGI has approved Covishield Vaccine of Serum Institute of India (SII) and Covaxin of Bharat Biotech for emergency use in India. The DGCA stated that both these vaccines are completely safe.
The permission is given by the DGCA based on the recommendation of the Subject Expert Committee (SEO) on Kovid-19 of the Central Drugs Standard Control Organization (CDSCO). 2–2 doses of these vaccines will be given during the vaccination campaign. Along with this, Zydus Cadila vaccine 'Jaikov-D' has also been approved for Phase III clinical trials.
Covaxin: Covaxin is indigenously developed by Bharat Biotech in association with the Indian Council of Medical Research (ICMR).
COVISHIELD: Pune-based Serum Institute of India (SII) has tied up with AstraZeneca for the production of COVISHIELD, the Corona vaccine of Oxford. SII is the world's largest vaccine manufacturer.
DCGI: The Drugs Controller General of India is a department of the Government of India responsible for all regulatory functions related to medicine in the country. DCGI is also responsible for setting standards for manufacturing, selling, importing and distributing drugs in India. VG Somani is its current head.
Serum Institute of India Private Limited (SIIPL)
It is a major manufacturer of immunological drugs in the world, including vaccines.
It was founded in 1966 by Cyrus Poonawala.
SIIPL is considered the world's largest manufacturer in terms of vaccine dosage.
Serum Institute vaccines are used in 170 countries and every third child in the world is immunized with this manufacturer's vaccine.
नई दिल्ली में टॉय हैकथॉन 2021 का शुभारंभ
देश के खिलौना उद्योग को पूरी तरह से स्वदेशी रूप देने के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल और कपड़ा तथा महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने नई दिल्ली में टॉय हैकथॉन 2021 का शुभारंभ किया। टॉय हैकथॉन 6 मंत्रालयों की सामूहिक पहल है।
इस हैकथॉन का उद्देश्य बच्चों के लिए नए स्वदेशी खिलौने उपलब्ध कराने और भारत में भारतीय मूल्यों पर आधारित अर्थात स्वदेशी खिलौनों के निर्माण को प्रोत्साहित करना है जो बच्चों में सकारात्मक व्यवहार विकसित कर सकें।
इस हैकथॉन के माध्यम से कुल 50 लाख रूपये तक के अलग अलग पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। इस हैकथॉन में पहली बार स्कूली बच्चे अभिनव सोच के साथ नए तरह के खिलौने डिजाइन करेंगे जिसमें खिलौने बनाने में स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा जो किफायती होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल और सुरक्षित होगी।
इस टॉय हैकथॉन का फाइनल अगले महीने 23 से 25 फरवरी के मध्य आयोजित किया जाएगा। इसमें दो श्रेणी की प्रतियोगिता होंगी। जिसमें से एक ऑनलाइन खिलौना बनाने की प्रतियोगिता होगी जबकि दूसरी वास्तविक रूप में खिलौना बनाने की होगी। इसमें 9 विभिन्न विषयों के तहत खिलौने बनाए जाने के लिए जूनियर, सीनियर, स्टार्टअप्स और पेशेवर स्तर पर प्रतियोगी भाग ले सकेंगे।
To give the country's toy industry a completely indigenous shape, the Union Minister of Education Ramesh Pokhriyal and Minister of Textiles and Women and Child Development Smriti Irani launched Toy Hackathon 2021 in New Delhi. Toy Hackathon is a collective initiative of 6 ministries.
The aim of this hackathon is to provide new indigenous toys for children and to encourage the creation of indigenous toys based on Indian values in India that can develop positive behavior among children.
Through this hackathon, different prizes totaling up to Rs. 50 lakhs will be given. In this hackathon, for the first time, school children will design innovative toys with innovative thinking using local materials to make toys that are economical and environmentally friendly and safe.
The final of this toy hackathon will be held between 23 to 25 February next month. There will be two categories of competition. One of which will be an online toy making competition, while the other will be in actual toy making. In this, contestants at junior, senior, start-up and professional levels will be able to participate in making toys under 9 different subjects.